LIC अमृतबाल: अपने बच्चे की उच्च शिक्षा के सपने को साकार करें! एक विस्तृत मार्गदर्शिका
I. परिचय: बच्चों के भविष्य की नींव – शिक्षा का महत्व और बढ़ती लागत
हर माता-पिता अपने बच्चे के लिए एक उज्ज्वल और सफल भविष्य की कल्पना करते हैं, जिसमें उच्च शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में, शिक्षा को अक्सर सफलता की कुंजी माना जाता है, और माता-पिता अपने बच्चों को प्रतिस्पर्धी बढ़त दिलाने के लिए सर्वोत्तम शिक्षा के अवसरों की तलाश में रहते हैं । यह स्वाभाविक मानवीय प्रवृत्ति है कि कोई अपने बच्चों को सर्वोत्तम संभव शुरुआत देना चाहता है, और इसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वित्तीय तैयारी सबसे आगे है।
हालांकि, इस आकांक्षा को पूरा करने में एक बड़ी बाधा भारत में उच्च शिक्षा की लगातार बढ़ती लागत है। शिक्षा की लागत एक खतरनाक दर से बढ़ रही है, जो सालाना 10-12% तक पहुंच गई है । यह वृद्धि देश की समग्र मुद्रास्फीति दर से काफी अधिक है, जो आमतौर पर 5-6% के आसपास रहती है । इस बढ़ती लागत में ट्यूशन फीस, कोचिंग कक्षाएं, आवास, स्कूल की आपूर्ति और यहां तक कि डिजिटल सीखने के उपकरण भी शामिल हैं, जो परिवारों पर एक महत्वपूर्ण वित्तीय बोझ डालते हैं । निजी स्कूलों और कॉलेजों की बढ़ती संख्या, उन्नत बुनियादी ढांचे में निवेश, योग्य शिक्षकों के लिए उच्च वेतन, और डिजिटल सीखने के समाधानों का उदय इस शिक्षा मुद्रास्फीति को और बढ़ा रहा है ।
शिक्षा मुद्रास्फीति का सामान्य मुद्रास्फीति से काफी अधिक होना एक गंभीर वित्तीय चुनौती प्रस्तुत करता है। इसका निहितार्थ यह है कि शिक्षा की लागत हर छह से सात साल में दोगुनी हो सकती है । इसका मतलब यह है कि यदि कोई परिवार केवल सामान्य मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर भविष्य की शिक्षा लागतों का अनुमान लगाता है, तो वे गंभीर रूप से कम आकलन कर सकते हैं। यह स्थिति बच्चे की उच्च शिक्षा के समय वित्तीय कमी का कारण बन सकती है, जिससे माता-पिता को अप्रत्याशित वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, किसी भी शिक्षा योजना का मूल्यांकन करते समय, उसके ‘गारंटीड रिटर्न’ को शिक्षा मुद्रास्फीति के सापेक्ष देखना महत्वपूर्ण है, न कि केवल एक निरपेक्ष संख्या के रूप में। एक योजना जो 8% गारंटी देती है, वह शिक्षा लागतों को मात देने में अपर्याप्त हो सकती है, जैसा कि आगे विश्लेषण में देखा जाएगा।
इन बढ़ती लागतों के बीच, अपने बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए एक ठोस और सुविचारित वित्तीय योजना बनाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है । वित्तीय योजना केवल बचत करने के बारे में नहीं है, बल्कि मुद्रास्फीति को मात देने और समय के साथ धन बनाने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने के बारे में है। जल्दी शुरुआत करने से चक्रवृद्धि ब्याज का शक्तिशाली लाभ मिलता है, जिससे समय के साथ निवेश पर रिटर्न तेजी से बढ़ता है । उदाहरण के लिए, यदि 15 वर्षों में ₹50 लाख के शिक्षा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आज से ₹12,000 प्रति माह निवेश करने की आवश्यकता है, तो इस निवेश को केवल 5 साल के लिए विलंबित करने पर मासिक आवश्यकता बढ़कर ₹27,000 प्रति माह हो जाती है । यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वित्तीय योजना में समय एक महत्वपूर्ण कारक है। जितनी जल्दी माता-पिता शुरुआत करते हैं, उतना ही कम मासिक निवेश उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए करना पड़ता है, जिससे उन पर वित्तीय बोझ कम होता है और वे अपने बच्चे के सपनों को अधिक आसानी से साकार कर पाते हैं।
II. LIC अमृतबाल क्या है? एक विस्तृत अवलोकन
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने LIC अमृतबाल योजना को विशेष रूप से बच्चों की उच्च शिक्षा और अन्य वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक पर्याप्त कोष बनाने के उद्देश्य से शुरू किया है । यह एक गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी, व्यक्तिगत, बचत, जीवन बीमा योजना है । ‘गैर-लिंक्ड’ का अर्थ है कि यह योजना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से जुड़ी नहीं है, जिससे निवेश पर बाजार के जोखिम का प्रभाव नहीं पड़ता है। ‘गैर-भागीदारी’ का मतलब है कि पॉलिसीधारकों को कंपनी के वास्तविक अनुभव के आधार पर कोई विवेकाधीन लाभ, जैसे बोनस या अधिशेष में हिस्सा, नहीं मिलता है; इसके बजाय, मृत्यु या परिपक्वता पर देय लाभ गारंटीड और निश्चित होते हैं । यह उन माता-पिता के लिए एक आकर्षक विकल्प है जो पूंजी सुरक्षा और निश्चित रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं।
मुख्य विशेषताएं:
- गारंटीड एडिशन: पॉलिसी अवधि के दौरान प्रति हजार मूल बीमा राशि पर ₹80 का गारंटीड एडिशन वार्षिक रूप से मिलता है, बशर्ते पॉलिसी सक्रिय हो । यह योजना के मूल्य को समय के साथ बढ़ाता है।
- प्रीमियम विकल्प: यह योजना वित्तीय लचीलापन प्रदान करती है, जिसमें माता-पिता एकल प्रीमियम भुगतान या सीमित प्रीमियम भुगतान (5, 6, या 7 वर्ष) के बीच चयन कर सकते हैं ।
- परिपक्वता आयु: बच्चे की विभिन्न वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए परिपक्वता आयु को 18 से 25 वर्ष के बीच चुनने की सुविधा उपलब्ध है ।
- ऋण सुविधा: पॉलिसी तरलता की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण सुविधा प्रदान करती है, जिससे पॉलिसीधारक आपातकालीन स्थितियों में धन का उपयोग कर सकते हैं ।
- उच्च बीमा राशि पर छूट: पॉलिसीधारक उच्च बीमा राशि चुनने पर आकर्षक छूट का लाभ उठा सकते हैं, जिससे यह योजना वित्तीय रूप से अधिक फायदेमंद हो जाती है ।
पात्रता मानदंड:
LIC अमृतबाल योजना के लिए कुछ विशिष्ट पात्रता मानदंड हैं:
- प्रवेश आयु: बच्चे के लिए न्यूनतम प्रवेश आयु 0 वर्ष (30 दिन पूरे) है और अधिकतम प्रवेश आयु 13 वर्ष (अंतिम जन्मदिन) है ।
- परिपक्वता आयु: न्यूनतम परिपक्वता आयु 18 वर्ष (अंतिम जन्मदिन) है और अधिकतम परिपक्वता आयु 25 वर्ष (अंतिम जन्मदिन) है ।
- पॉलिसी अवधि: सीमित प्रीमियम भुगतान के लिए न्यूनतम पॉलिसी अवधि 10 वर्ष है, जबकि एकल प्रीमियम भुगतान के लिए न्यूनतम 5 वर्ष है। दोनों प्रीमियम भुगतान विकल्पों के लिए अधिकतम पॉलिसी अवधि 25 वर्ष है । POSP-LI/CPSC-SPV के माध्यम से प्राप्त पॉलिसियों के लिए अधिकतम अवधि 20 वर्ष है ।
- न्यूनतम बीमा राशि: योजना के तहत न्यूनतम मूल बीमा राशि ₹2,00,000/- है, जबकि अधिकतम राशि पर कोई सीमा नहीं है (कुछ निर्णयों के अधीन) ।
- जोखिम की शुरुआत की तिथि: यदि जीवन बीमाधारक की प्रवेश आयु 8 वर्ष से कम है, तो जोखिम पॉलिसी शुरू होने की तारीख से 2 साल बाद या 8 वर्ष की आयु पूरी होने के तुरंत बाद शुरू होगा, जो भी पहले हो ।
‘lic future’ वेबसाइट से ऑनलाइन खरीद का लाभ और प्रक्रिया:
LIC अमृतबाल योजना को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से खरीदा जा सकता है । ऑनलाइन खरीद पर प्रीमियम में छूट मिलती है, जो इसे एक लागत प्रभावी विकल्प बनाती है । सीमित प्रीमियम भुगतान के लिए 10% और एकल प्रीमियम भुगतान के लिए 2% की छूट उपलब्ध है । ‘lic future’ वेबसाइट (जो कि licindia.in का एक संभावित उपडोमेन या मार्केटिंग नाम है, जैसा कि licindia.in का उल्लेख है ) के माध्यम से ऑनलाइन खरीद की सुविधा उपयोगकर्ताओं को आसानी से योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे वे घर बैठे ही अपने बच्चे के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।
तालिका 1: LIC अमृतबाल – मुख्य विशेषताएं और पात्रता मानदंड
विशेषता/मानदंड | विवरण |
---|---|
योजना का प्रकार | गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी, व्यक्तिगत, बचत, जीवन बीमा योजना |
गारंटीड एडिशन | पॉलिसी अवधि के दौरान प्रति हजार मूल बीमा राशि पर ₹80 (8% वार्षिक) |
प्रीमियम भुगतान विकल्प | एकल प्रीमियम; सीमित प्रीमियम (5, 6, या 7 वर्ष) |
प्रवेश आयु (बच्चे की) | न्यूनतम: 30 दिन पूरे; अधिकतम: 13 वर्ष (अंतिम जन्मदिन) |
परिपक्वता आयु (बच्चे की) | न्यूनतम: 18 वर्ष (अंतिम जन्मदिन); अधिकतम: 25 वर्ष (अंतिम जन्मदिन) |
पॉलिसी अवधि | सीमित प्रीमियम: न्यूनतम 10 वर्ष, अधिकतम 25 वर्ष; एकल प्रीमियम: न्यूनतम 5 वर्ष, अधिकतम 25 वर्ष |
न्यूनतम बीमा राशि | ₹2,00,000/- |
ऑनलाइन खरीद पर छूट | सीमित प्रीमियम पर 10%, एकल प्रीमियम पर 2% |
ऋण सुविधा | उपलब्ध |
प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर | अतिरिक्त प्रीमियम पर उपलब्ध |
‘गारंटीड एडिशन’ की वास्तविक व्याख्या:
यह समझना महत्वपूर्ण है कि जबकि योजना प्रति हजार मूल बीमा राशि पर ₹80 का ‘गारंटीड एडिशन’ प्रदान करती है, जो 8% वार्षिक रिटर्न जैसा लग सकता है, आंतरिक रिटर्न दर (IRR) का विश्लेषण एक अलग तस्वीर प्रस्तुत करता है। यह ‘गारंटीड’ शब्द उन निवेशकों को आकर्षित करता है जो पूंजी सुरक्षा और निश्चित रिटर्न चाहते हैं। हालांकि, यह ‘गारंटीड एडिशन’ मूल बीमा राशि पर आधारित होता है, न कि कुल प्रीमियम भुगतान या फंड वैल्यू पर, जो वास्तविक रिटर्न को कम कर सकता है। अनुसंधान से पता चलता है कि LIC अमृतबाल की IRR 5.40% से 5.98% प्रति वर्ष के आसपास हो सकती है । यह भारत में शिक्षा मुद्रास्फीति की वर्तमान दर (10-12%) से काफी कम है । इसका मतलब यह है कि जबकि रिटर्न निश्चित हैं, वे शिक्षा लागतों को मात देने में अपर्याप्त हो सकते हैं, जिससे भविष्य में बच्चे की शिक्षा के लिए आवश्यक क्रय शक्ति कम हो सकती है। माता-पिता को ‘गारंटीड एडिशन’ को शिक्षा मुद्रास्फीति के खिलाफ एक पूर्ण सुरक्षा के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि पूंजी के निश्चित, लेकिन संभावित रूप से अपर्याप्त, वृद्धि के रूप में देखना चाहिए। उन्हें यह भी समझना चाहिए कि यह एक ‘गैर-भागीदारी’ योजना है, जिसका अर्थ है कि कोई बोनस या अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा, जो अन्य पारंपरिक LIC योजनाओं में हो सकता है ।
पॉलिसीधारक के रूप में बच्चे का निहितार्थ:
LIC अमृतबाल योजना में एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जीवन बीमा बच्चे के जीवन पर होता है, न कि माता-पिता के जीवन पर । यह योजना बच्चे की शिक्षा के लिए एक कोष बनाने पर केंद्रित है। हालांकि, यदि प्रीमियम का भुगतान करने वाले माता-पिता का दुर्भाग्यपूर्ण निधन हो जाता है, तो परिवार को सीधे कोई मृत्यु लाभ नहीं मिलता है, जब तक कि ‘प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर’ नहीं लिया गया हो । यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा अंतराल पैदा करता है। यदि यह राइडर नहीं लिया जाता है, तो माता-पिता की मृत्यु के बाद प्रीमियम का भुगतान रुक सकता है और पॉलिसी लैप्स हो सकती है, जिससे बच्चे का शिक्षा कोष का लक्ष्य अधूरा रह जाएगा। प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर यह सुनिश्चित करता है कि प्रीमियम माफ हो जाए और पॉलिसी जारी रहे, जिससे बच्चे का वित्तीय भविष्य सुरक्षित रहे । इसलिए, यह योजना उन माता-पिता के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है जिनके पास स्वयं के लिए पर्याप्त जीवन बीमा कवर नहीं है। यदि वे इस योजना को चुनते हैं, तो प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर लेना लगभग अनिवार्य हो जाता है, भले ही इसके लिए अतिरिक्त प्रीमियम देना पड़े ।
III. LIC अमृतबाल के लाभ: आपके बच्चे के भविष्य के लिए एक सुरक्षा कवच
LIC अमृतबाल योजना माता-पिता को अपने बच्चे की उच्च शिक्षा और भविष्य की वित्तीय जरूरतों को सुरक्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है। ये लाभ योजना को एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो निश्चितता और सुरक्षा को महत्व देते हैं।
मृत्यु लाभ विकल्प: परिवार के लिए वित्तीय सुरक्षा:
यह योजना पॉलिसीधारक को मृत्यु लाभ के लिए विभिन्न विकल्प प्रदान करती है, जो एकल प्रीमियम और सीमित प्रीमियम भुगतान दोनों के तहत उपलब्ध हैं । ये विकल्प पॉलिसीधारक को अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार कवरेज चुनने की सुविधा देते हैं।
- सीमित प्रीमियम भुगतान के तहत:
- विकल्प I: वार्षिक प्रीमियम का 7 गुना या मूल बीमा राशि, जो भी अधिक हो, देय होता है।
- विकल्प II: वार्षिक प्रीमियम का 10 गुना या मूल बीमा राशि, जो भी अधिक हो, देय होता है।
- एकल प्रीमियम भुगतान के तहत:
- विकल्प III: एकल प्रीमियम का 1.25 गुना या मूल बीमा राशि, जो भी अधिक हो, देय होता है।
- विकल्प IV: एकल प्रीमियम का 10 गुना देय होता है।
मृत्यु लाभ ‘सम एश्योर्ड ऑन डेथ’ और अर्जित गारंटीड एडिशन का योग होता है, बशर्ते पॉलिसी सक्रिय हो । सीमित प्रीमियम भुगतान (विकल्प I और II) के तहत, मृत्यु लाभ भुगतान की तारीख तक ‘कुल भुगतान किए गए प्रीमियम’ के 105% से कम नहीं होगा । यह सुनिश्चित करता है कि परिवार को एक निश्चित न्यूनतम राशि प्राप्त हो, भले ही पॉलिसी की अवधि कम हो।
परिपक्वता लाभ: शिक्षा के लिए एक सुनिश्चित कोष:
यदि जीवन बीमाधारक परिपक्वता की निर्धारित तिथि तक जीवित रहता है और पॉलिसी सक्रिय रहती है, तो “परिपक्वता पर बीमा राशि” (जो मूल बीमा राशि के बराबर है) के साथ-साथ अर्जित गारंटीड एडिशन भी देय होते हैं । यह राशि बच्चे की उच्च शिक्षा, करियर की शुरुआत, या अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सुनिश्चित और पूर्व-निर्धारित कोष प्रदान करती है । यह माता-पिता को मन की शांति प्रदान करता है कि एक निश्चित राशि उनके बच्चे के भविष्य के लिए उपलब्ध होगी।
सेटलमेंट विकल्प: किस्तों में भुगतान की सुविधा:
यह योजना एक महत्वपूर्ण लचीलापन प्रदान करती है जिसे सेटलमेंट विकल्प के रूप में जाना जाता है। पॉलिसीधारक के पास परिपक्वता लाभ या मृत्यु लाभ को एकमुश्त राशि के बजाय 5, 10, या 15 वर्षों की अवधि में किस्तों में प्राप्त करने का विकल्प होता है । यह विकल्प विशेष रूप से उपयोगी है यदि बच्चे को शिक्षा खर्चों के लिए एकमुश्त राशि की बजाय नियमित आय की आवश्यकता हो, जैसे कि वार्षिक ट्यूशन फीस या मासिक रहने का खर्च। यह विकल्प पॉलिसीधारक द्वारा बच्चे के नाबालिग होने पर या बच्चे के 18 वर्ष या उससे अधिक आयु होने पर स्वयं द्वारा प्रयोग किया जा सकता है । किस्तें वार्षिक, अर्ध-वार्षिक, त्रैमासिक या मासिक अंतराल पर अग्रिम रूप से भुगतान की जा सकती हैं, जो वित्तीय योजना में और अधिक लचीलापन जोड़ती हैं ।
प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर: अप्रत्याशित परिस्थितियों में सुरक्षा:
प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर (PWBR) LIC अमृतबाल योजना का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अतिरिक्त लाभ है, जो अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान पर उपलब्ध है । यह राइडर प्रस्तावक (आमतौर पर माता-पिता) की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में पॉलिसी की निरंतरता सुनिश्चित करता है। यदि प्रस्तावक का निधन हो जाता है, तो इस राइडर के तहत भविष्य के सभी प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं (उन्हें प्राप्त माना जाता है), और पॉलिसी बच्चे के लिए अपने मूल वित्तीय लक्ष्य की ओर बढ़ती रहती है ।
यह राइडर इस योजना के लिए लगभग अनिवार्य है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, LIC अमृतबाल में जीवन बीमा बच्चे के जीवन पर होता है, न कि माता-पिता के जीवन पर । यदि प्रस्तावक (प्रीमियम का भुगतान करने वाला माता-पिता) का निधन हो जाता है और PWBR नहीं लिया गया है, तो प्रीमियम भुगतान रुक सकता है और पॉलिसी लैप्स हो सकती है, जिससे बच्चे का शिक्षा कोष का लक्ष्य खतरे में पड़ जाएगा । PWBR इस महत्वपूर्ण सुरक्षा अंतराल को भरता है, यह सुनिश्चित करता है कि माता-पिता की अनुपस्थिति में भी बच्चे का वित्तीय भविष्य सुरक्षित रहे। भले ही इसके लिए अतिरिक्त लागत आती है, इस राइडर को एक आवश्यक सुरक्षा जाल के रूप में देखना चाहिए, न कि एक वैकल्पिक सुविधा के रूप में।
उच्च बीमा राशि पर छूट और ऑनलाइन खरीद प्रोत्साहन:
पॉलिसीधारकों को उच्च बीमा राशि चुनने पर आकर्षक छूट का लाभ मिलता है, जिससे यह योजना बड़े वित्तीय लक्ष्यों के लिए और अधिक आकर्षक हो जाती है । इसके अतिरिक्त, यदि योजना ऑनलाइन खरीदी जाती है, तो प्रीमियम में छूट मिलती है (सीमित प्रीमियम भुगतान पर 10% और एकल प्रीमियम भुगतान पर 2%) । ये प्रोत्साहन योजना को अधिक लागत प्रभावी बनाते हैं और डिजिटल चैनलों के माध्यम से खरीद को बढ़ावा देते हैं।
IV. भारत में उच्च शिक्षा की वास्तविक लागत और भविष्य की चुनौतियाँ
भारत में उच्च शिक्षा की लागत एक जटिल और तेजी से बढ़ती चुनौती है, जो माता-पिता के लिए वित्तीय योजना को और भी महत्वपूर्ण बनाती है। केवल ट्यूशन फीस से परे, कई अन्य खर्च भी हैं जो कुल लागत में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
विभिन्न पाठ्यक्रमों (इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए, कला/वाणिज्य) की वर्तमान लागत:
भारत में विभिन्न उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों की वर्तमान लागत में व्यापक भिन्नता है, जो संस्थान के प्रकार (सरकारी या निजी) पर निर्भर करती है:
- इंजीनियरिंग: सरकारी संस्थानों में वार्षिक फीस ₹50,000 से ₹2,00,000 तक हो सकती है, जबकि निजी संस्थानों में यह ₹2,00,000 से ₹10,00,000 प्रति वर्ष तक पहुंच सकती है । IIT या BITS Pilani जैसे प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों में, कुल 4 साल के कोर्स की लागत ₹10 लाख से ₹15 लाख तक हो सकती है ।
- मेडिकल: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस ₹50,000 से ₹2,00,000 प्रति वर्ष के बीच होती है, लेकिन निजी संस्थानों में यह ₹2,00,000 से ₹10,00,000 प्रति वर्ष तक हो सकती है । कुछ निजी कॉलेजों में 5 साल के कोर्स के लिए ₹18 लाख से ₹20 लाख प्रति वर्ष या कुल ₹50 लाख तक का खर्च आ सकता है । स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा के लिए निजी संस्थानों में ₹30 लाख तक का अतिरिक्त खर्च हो सकता है ।
- एमबीए: ऑनलाइन एमबीए कार्यक्रमों की फीस ₹60,000 से ₹1,50,000 वार्षिक तक होती है । हालांकि, भारत के शीर्ष निजी संस्थानों में एमबीए की औसत फीस ₹6 लाख से ₹12 लाख तक होती है । NMIMS जैसे कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों में यह ₹21.90 लाख तक पहुंच सकती है ।
- कला और वाणिज्य: सरकारी कॉलेजों में कला और वाणिज्य पाठ्यक्रमों की फीस काफी कम होती है, आमतौर पर ₹2,000 से ₹15,000 प्रति वर्ष । निजी कॉलेजों में, यह ₹2.5 लाख से ₹5 लाख प्रति वर्ष तक हो सकती है ।
सरकारी बनाम निजी संस्थानों का खर्च:
भारत में शिक्षा की लागत में यह अंतर मुख्य रूप से फंडिंग मॉडल और सुविधाओं के कारण है। सरकारी संस्थान आमतौर पर कम फीस के साथ अधिक किफायती होते हैं क्योंकि उन्हें सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है । इसके विपरीत, निजी संस्थान उच्च शुल्क लेते हैं क्योंकि वे बेहतर इमारतों, उन्नत शिक्षण उपकरणों, और योग्य शिक्षकों में निवेश करते हैं। इसके अतिरिक्त, कई निजी संस्थान डिजिटल सीखने, विशेष गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के लिए अतिरिक्त शुल्क लेते हैं, जो इन संस्थानों को अधिक महंगा बनाता है ।
विदेश में पढ़ाई का खर्च:
हाल के वर्षों में, अधिक से अधिक भारतीय छात्र अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का विकल्प चुन रहे हैं । हालांकि यह एक शानदार अवसर हो सकता है, इसमें उच्च ट्यूशन फीस, रहने का खर्च, यात्रा और वीजा लागत शामिल है, जो बहुत महंगा हो सकता है। विदेश में स्नातक या स्नातकोत्तर शिक्षा की कुल लागत ₹1 करोड़ तक पहुंच सकती है । यदि कोई माता-पिता अपने बच्चे को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजना चाहते हैं, तो उन्हें न केवल शिक्षा मुद्रास्फीति बल्कि रुपये के मूल्यह्रास (प्रति वर्ष 4-5% तक) के प्रभाव के लिए भी बजट बनाना होगा ।
शिक्षा मुद्रास्फीति का प्रभाव: अगले 10-15 वर्षों में अनुमानित लागत:
शिक्षा मुद्रास्फीति की दर, जो 10-12% प्रति वर्ष है , का मतलब है कि शिक्षा की लागत हर 6-7 साल में दोगुनी हो सकती है । यह भविष्य की शिक्षा लागतों के अनुमान को जटिल बनाता है। उदाहरण के लिए, यदि आज एक प्रमुख संस्थान में इंजीनियरिंग शिक्षा की लागत ₹10 लाख है, तो 15 साल बाद यह ₹40 लाख से ₹50 लाख तक हो सकती है । इसी तरह, यदि आज एक निजी कॉलेज में मेडिकल शिक्षा की लागत ₹25 लाख है, तो 15 साल बाद ₹1 करोड़ का कोष बनाने की आवश्यकता हो सकती है । इन अनुमानों से पता चलता है कि माता-पिता को वर्तमान लागतों को सीधे अनुमानित करने के बजाय मुद्रास्फीति-समायोजित लक्ष्यों की योजना बनानी चाहिए।
छिपी हुई लागतें: परिवहन, किताबें, हॉस्टल, कोचिंग:
ट्यूशन फीस के अलावा, कई ‘छिपी हुई लागतें’ भी हैं जो कुल शिक्षा व्यय में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं और अक्सर माता-पिता द्वारा नजरअंदाज कर दी जाती हैं। इनमें परिवहन लागत (बढ़ते ईंधन की कीमतें और सार्वजनिक परिवहन शुल्क), स्कूल यूनिफॉर्म और सहायक उपकरण, किताबें और अध्ययन सामग्री, हॉस्टल और आवास शुल्क, और प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग कक्षाएं शामिल हैं । ये छिपी हुई लागतें भी तेजी से बढ़ रही हैं; उदाहरण के लिए, हॉस्टल और आवास शुल्क 10-15% की वार्षिक दर से बढ़ रहे हैं । यदि इन लागतों को वित्तीय योजना में शामिल नहीं किया जाता है, तो बच्चे की शिक्षा के समय वित्तीय कमी हो सकती है। इसलिए, वित्तीय नियोजन करते समय, माता-पिता को न केवल ट्यूशन फीस बल्कि इन सभी ‘छिपी हुई लागतों’ को भी ध्यान में रखना चाहिए और उनके लिए अलग से योजना बनानी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चे की शिक्षा के लिए एक व्यापक और पर्याप्त कोष उपलब्ध हो।
इसके अतिरिक्त, यदि माता-पिता अपने बच्चे के लिए IIT या BITS Pilani जैसे “प्रीमियर” संस्थानों का लक्ष्य रखते हैं, तो उन्हें सामान्य अनुमानों से कहीं अधिक बड़े कोष की आवश्यकता होगी । इन संस्थानों की उच्च मांग, बेहतर सुविधाएं, और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उन्हें अधिक महंगा बनाती है। बच्चे की आकांक्षाओं को समझना और तदनुसार लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है । एक “औसत” शिक्षा लागत का अनुमान लगाना उन माता-पिता के लिए पर्याप्त नहीं होगा जो अपने बच्चे को भारत के शीर्ष संस्थानों या विदेश में भेजना चाहते हैं।
तालिका 2: भारत में उच्च शिक्षा की अनुमानित लागत (वर्तमान और भविष्य)
शिक्षा स्तर/प्रकार | संस्थान का प्रकार | वर्तमान अनुमानित वार्षिक/कुल लागत | 15 साल बाद अनुमानित लागत (10% शिक्षा मुद्रास्फीति पर) |
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प्राथमिक और माध्यमिक (कक्षा 1-12) | सरकारी स्कूल | ₹500 – ₹5,000 प्रति वर्ष | ₹2,000 – ₹20,000 प्रति वर्ष |
निजी स्कूल | ₹30,000 – ₹2,00,000 प्रति वर्ष | ₹1.2 लाख – ₹8 लाख प्रति वर्ष | |
अंतर्राष्ट्रीय स्कूल | ₹2,00,000 – ₹10,00,000 प्रति वर्ष | ₹8 लाख – ₹40 लाख प्रति वर्ष | |
स्नातक पाठ्यक्रम | सरकारी कॉलेज | ₹10,000 – ₹50,000 प्रति वर्ष | ₹40,000 – ₹2 लाख प्रति वर्ष |
निजी कॉलेज | ₹1,00,000 – ₹5,00,000 प्रति वर्ष | ₹4 लाख – ₹20 लाख प्रति वर्ष | |
व्यावसायिक पाठ्यक्रम (इंजीनियरिंग/मेडिकल) | सरकारी संस्थान | ₹50,000 – ₹2,00,000 प्रति वर्ष | ₹2 लाख – ₹8 लाख प्रति वर्ष |
निजी संस्थान | ₹2,00,000 – ₹10,00,000 प्रति वर्ष | ₹8 लाख – ₹40 लाख प्रति वर्ष | |
उदाहरण: आज ₹10 लाख की इंजीनियरिंग लागत | कुल ₹10 लाख | कुल ₹40-50 लाख | |
उदाहरण: आज ₹25 लाख की मेडिकल लागत | कुल ₹25 लाख | कुल ₹1 करोड़ | |
स्नातकोत्तर और उच्च अध्ययन | सरकारी विश्वविद्यालय | ₹20,000 – ₹2,00,000 प्रति वर्ष | ₹80,000 – ₹8 लाख प्रति वर्ष |
निजी विश्वविद्यालय | ₹2,00,000 – ₹15,00,000 प्रति वर्ष | ₹8 लाख – ₹60 लाख प्रति वर्ष | |
एमबीए (शीर्ष निजी) | निजी संस्थान | ₹6 लाख – ₹22 लाख (कुल) | ₹24 लाख – ₹88 लाख (कुल) |
कला और वाणिज्य | सरकारी कॉलेज | ₹2,000 – ₹15,000 प्रति वर्ष | ₹8,000 – ₹60,000 प्रति वर्ष |
निजी कॉलेज | ₹2.5 लाख – ₹5 लाख प्रति वर्ष | ₹10 लाख – ₹20 लाख प्रति वर्ष | |
विदेश में पढ़ाई | अंतर्राष्ट्रीय संस्थान | ₹1 करोड़ तक (कुल) | ₹4 करोड़ तक (कुल) |
छिपी हुई लागतें (वार्षिक अनुमानित वृद्धि) | परिवहन | 5-7% | – |
यूनिफॉर्म और सहायक उपकरण | 4-6% | – | |
किताबें और अध्ययन सामग्री | 6-8% | – | |
हॉस्टल और आवास | 10-15% | – | |
कोचिंग और परीक्षा तैयारी | – | – |
नोट: 15 साल बाद की अनुमानित लागतें 10% वार्षिक शिक्षा मुद्रास्फीति दर पर आधारित हैं, जो एक अनुमान है और वास्तविक लागतें भिन्न हो सकती हैं। यह तालिका माता-पिता को एक यथार्थवादी वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करने के लिए एक मोटा अनुमान प्रदान करती है।
V. LIC अमृतबाल का गहन विश्लेषण: क्या यह आपके लिए सही है?
LIC अमृतबाल योजना को चुनते समय, इसके फायदे और सीमाओं दोनों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह आपके बच्चे के शिक्षा लक्ष्यों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प है या नहीं।
योजना के फायदे:
- गारंटीड रिटर्न और पूंजी की सुरक्षा: LIC अमृतबाल एक गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी योजना है, जिसका अर्थ है कि रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होते हैं और निवेश की गई पूंजी सुरक्षित रहती है । यह उन माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ है जो जोखिम से बचना चाहते हैं और अपने बच्चे के भविष्य के लिए एक निश्चित वित्तीय परिणाम चाहते हैं।
- सरलता और समझने में आसानी: पारंपरिक बीमा योजना होने के कारण, LIC अमृतबाल को समझना और उससे संबंधित होना आसान है। यह जटिल बाजार-लिंक्ड उत्पादों की तुलना में कम जटिल होती है, जो वित्तीय उत्पादों में कम अनुभव रखने वाले माता-पिता के लिए फायदेमंद हो सकता है ।
- वित्तीय अनुशासन: सीमित प्रीमियम भुगतान विकल्प में नियमित प्रीमियम भुगतान बचत की आदत को बढ़ावा देता है, जिससे माता-पिता समय के साथ अपने बच्चे के लिए एक कोष बनाने में अनुशासित रहते हैं ।
- कर लाभ: इस योजना में निवेश धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए योग्य है, और परिपक्वता/मृत्यु लाभ धारा 10(10D) के तहत कर-मुक्त होते हैं, बशर्ते कुछ शर्तें पूरी हों । यह कर दक्षता योजना के समग्र लाभ को बढ़ाती है।
- तरलता (ऋण सुविधा): पॉलिसी तरलता की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण सुविधा प्रदान करती है । यह माता-पिता को आपातकालीन या अप्रत्याशित वित्तीय आवश्यकताओं के लिए पॉलिसी के मूल्य का उपयोग करने की अनुमति देता है, जबकि पॉलिसी को सक्रिय रखता है।
- किस्तों में भुगतान का विकल्प: परिपक्वता या मृत्यु लाभ को एकमुश्त राशि के बजाय 5, 10, या 15 वर्षों की अवधि में किस्तों में प्राप्त करने की सुविधा वित्तीय योजना में लचीलापन जोड़ती है ।
योजना की सीमाएं/विचारणीय बिंदु:
- जीवन बीमा बच्चे पर, माता-पिता पर नहीं: यह एक महत्वपूर्ण सीमा है। पॉलिसी का जीवन बीमा बच्चे के जीवन पर होता है, न कि प्रस्तावक (आमतौर पर माता-पिता) के जीवन पर । इसका मतलब है कि माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में परिवार को सीधे कोई मृत्यु लाभ नहीं मिलता है। यह एक महत्वपूर्ण जोखिम है जिसे माता-पिता को समझना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास स्वयं के लिए पर्याप्त जीवन बीमा (जैसे टर्म प्लान) हो, ताकि उनकी अनुपस्थिति में भी परिवार की वित्तीय सुरक्षा बनी रहे। LIC अमृतबाल को केवल बच्चे की शिक्षा के लिए एक बचत उपकरण के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि प्राथमिक जीवन बीमा कवर के रूप में।
- शिक्षा मुद्रास्फीति से कम रिटर्न: जबकि रिटर्न गारंटीड हैं (8% प्रति हजार मूल बीमा राशि), वे भारत में उच्च शिक्षा की 10-12% की उच्च मुद्रास्फीति दर को मात देने में अपर्याप्त हो सकते हैं । इसका मतलब है कि समय के साथ शिक्षा के लिए आवश्यक क्रय शक्ति कम हो जाएगी, जिससे भविष्य में शिक्षा कोष अपर्याप्त हो सकता है।
- प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर की आवश्यकता: माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में पॉलिसी की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर (PWBR) लेना लगभग अनिवार्य है । यह राइडर अतिरिक्त लागत पर आता है, जो योजना के शुद्ध रिटर्न को प्रभावित कर सकता है । स्पष्ट रूप से कहता है कि “LIC Amritbaal is an utterly useless plan if you do not buy the Premium waiver benefit rider as an add-on.” यह एक महत्वपूर्ण चेतावनी है जिसे माता-पिता को समझना चाहिए। PWBR को एक आवश्यक अतिरिक्त लागत के रूप में मानना चाहिए, न कि एक वैकल्पिक सुविधा के रूप में।
- कर निहितार्थ: यदि जीवन कवर वार्षिक प्रीमियम के 10 गुना से कम है, तो परिपक्वता लाभ कर योग्य हो सकता है । यह उन माता-पिता के लिए एक विचारणीय बिंदु है जो अधिकतम कर दक्षता चाहते हैं।
- कम तरलता: पारंपरिक योजनाओं में ULIPs या म्यूचुअल फंड की तुलना में तरलता कम होती है । हालांकि ऋण सुविधा उपलब्ध है, यह सीधे फंड निकालने जितना लचीला नहीं हो सकता है।
- कोई बोनस या अधिशेष में हिस्सा नहीं: गैर-भागीदारी योजना होने के कारण, पॉलिसीधारक को LIC के मुनाफे में कोई हिस्सा या बोनस नहीं मिलता है । यह उन निवेशकों के लिए एक नुकसान हो सकता है जो बाजार के प्रदर्शन से अतिरिक्त लाभ की उम्मीद करते हैं।
आंतरिक रिटर्न दर (IRR) पर एक नोट:
LIC अमृतबाल की आंतरिक रिटर्न दर (IRR) का विश्लेषण महत्वपूर्ण है। अनुसंधान से पता चलता है कि इसकी IRR 5.40% से 5.98% प्रति वर्ष के आसपास हो सकती है । यह आंकड़ा शिक्षा मुद्रास्फीति (10-12%) से काफी कम है । यह दर्शाता है कि जबकि ‘गारंटीड’ का मतलब पूंजी की सुरक्षा है, इसका मतलब ‘मुद्रास्फीति-बीटिंग’ या भविष्य की शिक्षा लागतों को पूरा करने के लिए ‘पर्याप्त’ रिटर्न नहीं है। माता-पिता को यह समझना चाहिए कि ‘गारंटीड रिटर्न’ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि भविष्य की शिक्षा लागतों को पूरा करने के लिए ‘पर्याप्त’ हो। उन्हें इस योजना को एक बड़े, विविध शिक्षा कोष के एक हिस्से के रूप में देखना चाहिए, न कि एकमात्र समाधान के रूप में।
VI. बच्चे की शिक्षा के लिए वित्तीय योजना: LIC अमृतबाल के विकल्प और तुलना
बच्चे की शिक्षा के लिए वित्तीय योजना एक बहुआयामी दृष्टिकोण की मांग करती है, जिसमें केवल एक उत्पाद पर निर्भर रहने के बजाय विभिन्न निवेश साधनों का रणनीतिक संयोजन शामिल है। इस प्रक्रिया में जल्दी शुरुआत करना, शिक्षा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखना, और स्पष्ट रूप से परिभाषित लक्ष्यों को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है । एक लक्ष्य-आधारित व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) रणनीति शिक्षा मुद्रास्फीति का मुकाबला करने और पर्याप्त कोष बनाने के लिए एक प्रभावी तरीका है ।
अन्य निवेश विकल्प:
LIC अमृतबाल के अलावा, माता-पिता के पास बच्चे की शिक्षा के लिए कोष बनाने के लिए कई अन्य निवेश विकल्प भी उपलब्ध हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और जोखिम हैं:
- इक्विटी म्यूचुअल फंड (SIPs):
- विशेषताएं: इक्विटी म्यूचुअल फंड को लंबी अवधि के शिक्षा लक्ष्यों (10-15 वर्ष) के लिए बेजोड़ माना जाता है । ये मासिक SIP के माध्यम से निवेश की अनुमति देते हैं, जिससे रुपये की लागत औसत का लाभ मिलता है ।
- लाभ: इनमें उच्च रिटर्न की संभावना होती है (औसतन 10-15% प्रति वर्ष) , जो शिक्षा मुद्रास्फीति को मात देने में मदद कर सकता है । SIP अनुशासित निवेश को बढ़ावा देता है । ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) को छोड़कर इनमें तरलता अधिक होती है और कोई निश्चित लॉक-इन अवधि नहीं होती है ।
- जोखिम: म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन होते हैं, और रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है ।
- उपयोग: लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए फ्लेक्सी-कैप फंड या कर लाभ के लिए ELSS फंड पर विचार किया जा सकता है ।
- ULIPs (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान):
- विशेषताएं: ULIPs बीमा और निवेश का संयोजन हैं, जो पॉलिसीधारक को इक्विटी और ऋण निवेश के बीच अपने धन को विभाजित करने की सुविधा देते हैं ।
- लाभ: ये जीवन कवर, प्रीमियम वेवर बेनिफिट (अतिरिक्त प्रीमियम पर), और धारा 80C और 10(10D) के तहत कर लाभ प्रदान करते हैं । इनमें बाजार-लिंक्ड रिटर्न की क्षमता होती है (ऐतिहासिक रूप से 10-12% तक) , और 5 साल के लॉक-इन के बाद आंशिक निकासी की अनुमति होती है ।
- जोखिम: ULIPs भी बाजार जोखिम के अधीन होते हैं, और उनकी पारदर्शिता कभी-कभी कम हो सकती है ।
- लॉक-इन: इनमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है ।
- PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और SSY (सुकन्या समृद्धि योजना):
- विशेषताएं: ये सरकार समर्थित बचत योजनाएं हैं। PPF सभी के लिए उपलब्ध है, जबकि SSY केवल बालिका के लिए है ।
- लाभ: ये उच्च सुरक्षा प्रदान करते हैं क्योंकि ये सरकार समर्थित होते हैं, और कर लाभ (EEE – छूट-छूट-छूट, यानी योगदान, ब्याज और परिपक्वता राशि सभी कर-मुक्त होते हैं) प्रदान करते हैं । इनमें निश्चित रिटर्न होता है (वर्तमान में PPF के लिए लगभग 7.1% और SSY के लिए 7%+ प्रति वर्ष) ।
- जोखिम: ब्याज दरें सरकार द्वारा तय की जाती हैं और बदल सकती हैं, और रिटर्न अक्सर शिक्षा मुद्रास्फीति से कम होते हैं । इनमें तरलता कम होती है, क्योंकि PPF में 15 साल और SSY में 21 साल का लंबा लॉक-इन पीरियड होता है ।
- निवेश सीमा: दोनों में अधिकतम ₹1.5 लाख प्रति वर्ष का निवेश किया जा सकता है ।
- पारंपरिक एंडोमेंट/मनी-बैक योजनाएं (अन्य LIC योजनाएं):
- LIC अमृतबाल की तरह, ये भी गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी या भागीदारी योजनाएं हो सकती हैं। ये गारंटीड रिटर्न या बोनस के साथ निश्चित भुगतान प्रदान करती हैं। इनमें जोखिम कम होता है, लेकिन अक्सर रिटर्न भी कम होता है ।
LIC अमृतबाल बनाम म्यूचुअल फंड बनाम ULIPs बनाम PPF/SSY: एक विस्तृत तुलना:
विभिन्न वित्तीय उत्पादों की अंतर्निहित संरचना और जोखिम प्रोफाइल के कारण, निवेशक की जोखिम सहनशीलता और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उपलब्ध समय-सीमा निवेश रणनीति को प्रभावित करती है। केवल सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाली योजनाएं (जैसे LIC अमृतबाल, PPF/SSY) शिक्षा मुद्रास्फीति को मात देने में विफल हो सकती हैं, जिससे भविष्य में शिक्षा कोष अपर्याप्त हो सकता है । वहीं, केवल विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाली योजनाएं (जैसे इक्विटी म्यूचुअल फंड) बाजार जोखिम के अधीन होती हैं। इसलिए, माता-पिता को एक ‘विविध पोर्टफोलियो’ बनाने की आवश्यकता है जो सुरक्षा और विकास दोनों को संतुलित करे । इसका मतलब है कि LIC अमृतबाल जैसी सुरक्षित योजनाओं को इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे बाजार-लिंक्ड विकल्पों के साथ जोड़ना, ताकि मुद्रास्फीति को मात देने वाले रिटर्न प्राप्त किए जा सकें और साथ ही पूंजी की सुरक्षा भी बनी रहे।
यह भी विचारणीय है कि LIC अमृतबाल जैसी बीमा-सह-निवेश योजनाएं बीमा और निवेश को एक ही उत्पाद में बंडल करती हैं, जबकि कुछ वित्तीय विशेषज्ञ बीमा और निवेश को अलग रखने की सलाह देते हैं । बीमा-सह-निवेश उत्पादों में अक्सर उच्च शुल्क और कम पारदर्शिता होती है, और बीमा घटक अक्सर पर्याप्त नहीं होता है। उदाहरण के लिए, अनुसंधान से पता चलता है कि ₹1 करोड़ का टर्म कवर (लगभग ₹10,000/वर्ष) और ₹20,000/माह का SIP, बंडल चाइल्ड पॉलिसी की तुलना में अधिक नियंत्रण, बेहतर रिटर्न और उच्च पारदर्शिता प्रदान कर सकता है । LIC अमृतबाल में जीवन कवर बच्चे पर है, माता-पिता पर नहीं , जो बीमा और निवेश को अलग करने के तर्क को और मजबूत करता है। अलग-अलग खरीदने से अक्सर अधिक लचीलापन, बेहतर रिटर्न और लागत-प्रभावशीलता मिलती है, खासकर जब माता-पिता के जीवन पर पर्याप्त कवर की आवश्यकता हो।
तालिका 3: LIC अमृतबाल बनाम अन्य शिक्षा योजनाएं: एक विस्तृत तुलना
विशेषता | LIC अमृतबाल | इक्विटी म्यूचुअल फंड (SIPs) | ULIPs (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) | PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) | SSY (सुकन्या समृद्धि योजना) |
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योजना का प्रकार | गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी बीमा | बाजार-लिंक्ड निवेश | बीमा-सह-निवेश | सरकार समर्थित बचत योजना | सरकार समर्थित बचत योजना (केवल बालिका) |
जोखिम स्तर | कम जोखिम, गारंटीड रिटर्न | उच्च जोखिम, बाजार-लिंक्ड | मध्यम से उच्च जोखिम, बाजार-लिंक्ड | बहुत कम जोखिम, सरकार समर्थित | बहुत कम जोखिम, सरकार समर्थित |
अनुमानित रिटर्न | 5.40%-5.98% IRR | 10-15% p.a. (औसत) | 10-12% p.a. (ऐतिहासिक) | ~7.1% p.a. (वर्तमान) | ~7%+ p.a. (वर्तमान) |
जीवन बीमा कवर | बच्चे पर, प्रीमियम वेवर राइडर (माता-पिता के लिए) | नहीं | पॉलिसीधारक पर, प्रीमियम वेवर राइडर | नहीं | नहीं |
तरलता/लॉक-इन | ऋण सुविधा, 5 साल बाद सरेंडर | उच्च तरलता (ELSS को छोड़कर) | 5 साल का लॉक-इन, आंशिक निकासी | 15 साल का लॉक-इन, 7वें साल बाद आंशिक निकासी | 21 साल का लॉक-इन, 18 साल बाद आंशिक निकासी |
कर लाभ | 80C, 10(10D) (शर्तों के अधीन) | ELSS के लिए 80C, अन्य पर LTCG/STCG | 80C, 10(10D) | EEE (80C, ब्याज, परिपक्वता कर-मुक्त) | EEE (80C, ब्याज, परिपक्वता कर-मुक्त) |
मुद्रास्फीति को मात देने की क्षमता | कम | उच्च | मध्यम से उच्च | कम | कम |
लचीलापन | प्रीमियम विकल्प, परिपक्वता आयु, किस्तों में भुगतान | SIP राशि, फंड स्विच, आंशिक निकासी | फंड स्विच, आंशिक निकासी | निश्चित योगदान, निश्चित अवधि | निश्चित योगदान, निश्चित अवधि |
पारदर्शिता | उच्च (गारंटीड) | उच्च | मध्यम से कम | उच्च | उच्च |
VII. बच्चे की शिक्षा योजनाओं से जुड़े सामान्य मिथक और वास्तविकता
बच्चे की शिक्षा के लिए वित्तीय योजना बनाते समय, कई माता-पिता कुछ सामान्य गलतफहमियों का शिकार हो जाते हैं, जो उनके निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं । इन मिथकों को दूर करना महत्वपूर्ण है ताकि माता-पिता सूचित और यथार्थवादी वित्तीय निर्णय ले सकें।
- मिथक 1: चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान केवल शिक्षा खर्चों के लिए हैं।
- वास्तविकता: जबकि बच्चे की शिक्षा के लिए कोष बनाना प्राथमिक लक्ष्य होता है, चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान कई अन्य लाभ भी प्रदान कर सकते हैं। ये योजनाएं चिकित्सा आपात स्थितियों, बच्चे की पाठ्येतर गतिविधियों के लिए अतिरिक्त धन, और यहां तक कि दैनिक खर्चों के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती हैं । भारतीय उच्च शिक्षा खर्चों में 2008-2014 के बीच 175% की वृद्धि हुई है, और यह मूल्य तब से बढ़ रहा है । चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान इन बढ़ती शिक्षा लागतों को प्रबंधित करने में मदद करते हैं और माता-पिता को कौशल-आधारित प्रशिक्षण और विदेशी अध्ययन के अवसरों जैसी मूलभूत गतिविधियों पर भी इन निधियों को खर्च करने में सक्षम बनाते हैं।
- मिथक 2: चाइल्ड प्लान बहुत महंगे हैं।
- वास्तविकता: यह एक आम धारणा है कि चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान वित्तीय रूप से पहुंच से बाहर हैं। हालांकि, बीमाकर्ता कई चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान प्रदान करते हैं जहां प्रीमियम राशि समायोज्य होती है। माता-पिता अपनी व्यक्तिगत वित्तीय शक्ति के अनुरूप प्रीमियम राशि को लचीले ढंग से संशोधित कर सकते हैं । बच्चे के जन्म के दिन से यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में प्रति माह ₹2,000 का निवेश करने से अगले 18 वर्षों में इन निधियों का मूल्य काफी बढ़ सकता है । निवेश शुरू करने की तारीख सीधे चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान के लिए आवंटित दीर्घकालिक बजट को प्रभावित करती है। जल्दी शुरुआत करने से मासिक बोझ कम होता है।
- मिथक 3: बच्चा पॉलिसीधारक होता है।
- वास्तविकता: जब कोई चाइल्ड प्लान खरीदता है, तो माता-पिता बीमा पॉलिसीधारक बनते हैं, जबकि बच्चा पॉलिसी लाभार्थी की भूमिका निभाता है । अधिकांश चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान में आमतौर पर प्रीमियम वेवर राइडर उपलब्ध होता है ताकि पॉलिसीधारक (माता-पिता) की मृत्यु होने पर भी पॉलिसी की निरंतरता सुनिश्चित हो सके। यह प्रीमियम वेवर राइडर आमतौर पर एक वैकल्पिक ऐड-ऑन होता है, लेकिन यदि आप अपने बच्चे के वित्तीय भविष्य को अपनी अनुपस्थिति में भी सुरक्षित रखना चाहते हैं तो यह एक आवश्यक खरीद है ।
- मिथक 4: चाइल्ड प्लान केवल जीवन बीमा प्रदान करते हैं।
- वास्तविकता: चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान आमतौर पर बचत-सह-बीमा उत्पाद होते हैं, जिसका अर्थ है कि आपको न केवल जीवन कवर का लाभ मिलता है, बल्कि आपके निवेशित प्रीमियम के आधार पर रिटर्न भी प्राप्त होता है । बाजार में दो मुख्य प्रकार की चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध हैं: गारंटीड चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान, जो अपेक्षाकृत कम जोखिम वाली नीतियों के माध्यम से गारंटीड परिपक्वता लाभ प्रदान करते हैं, और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, जो इक्विटी और ऋण निधियों के बीच निवेश आवंटित करते हैं, संभावित विकास के अवसर प्रदान करते हैं ।
- मिथक 5: परिपक्वता से पहले फंड नहीं निकाल सकते।
- वास्तविकता: यह चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसियों के बारे में एक और बड़ी गलतफहमी है। कई सेवा प्रदाता एक निर्धारित प्रतीक्षा अवधि के बाद आंशिक निकासी की अनुमति देते हैं । यह माता-पिता को आवश्यक शैक्षिक शुल्क, स्वास्थ्य सेवा भुगतान और प्रशिक्षण कार्यक्रम निधियों तक पहुंच प्राप्त करने में मदद करता है। यूनिट-लिंक्ड चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान आमतौर पर पॉलिसी के पांचवें वर्ष पूरा होने के बाद संचित फंड मूल्य के 20% तक की आंशिक निकासी की अनुमति देते हैं । ये योजनाएं लचीले निकासी विकल्पों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जिससे पॉलिसी अवधि की परवाह किए बिना धन सुलभ हो जाता है।
- मिथक 6: चाइल्ड प्लान उच्च रिटर्न की गारंटी देते हैं।
- वास्तविकता: हालांकि चाइल्ड प्लान अक्सर रिटर्न प्रदान करते हैं, उच्च रिटर्न की गारंटी नहीं होती है । चाइल्ड प्लान के अंतर्निहित निवेश विकल्प इसके प्रदर्शन को निर्धारित करते हैं। जोखिमों को समझना और अपनी जोखिम सहनशीलता के अनुरूप रणनीति का चयन करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, यदि योजना इक्विटी-लिंक्ड फंडों में निवेश करती है, तो बाजार की स्थिति के आधार पर योजना में उतार-चढ़ाव हो सकता है । इसलिए, उचित अपेक्षाएं निर्धारित करना और अपेक्षित रिटर्न के अलावा अन्य कारकों को भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
इन मिथकों का वित्तीय निर्णयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। जानकारी की कमी, जटिल वित्तीय शब्दावली, और बीमा कंपनियों की मार्केटिंग रणनीतियाँ जो अक्सर ‘गारंटीड’ पहलुओं पर अधिक जोर देती हैं, माता-पिता को उप-इष्टतम वित्तीय निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। इन मिथकों के कारण माता-पिता केवल एक प्रकार की योजना पर निर्भर रह सकते हैं, अपर्याप्त कवर खरीद सकते हैं, या शिक्षा मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम आंक सकते हैं। इसलिए, वित्तीय साक्षरता बढ़ाना और इन मिथकों को दूर करना महत्वपूर्ण है ताकि माता-पिता अपने बच्चे के भविष्य के लिए एक मजबूत और यथार्थवादी वित्तीय योजना बना सकें। उन्हें यह समझना चाहिए कि कोई भी एकल योजना सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती है और एक विविध दृष्टिकोण अक्सर सबसे अच्छा होता है।
VIII. अपने बच्चे के उच्च शिक्षा के सपने को साकार करने के लिए एक रोडमैप
अपने बच्चे के उच्च शिक्षा के सपनों को साकार करने के लिए एक सुविचारित और गतिशील वित्तीय रोडमैप बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह रोडमैप केवल बचत करने से कहीं अधिक है; इसमें रणनीतिक योजना, जोखिम प्रबंधन और नियमित समायोजन शामिल है।
लक्ष्य-आधारित योजना: शिक्षा लागत का अनुमान लगाना:
सबसे पहले, अपने बच्चे की आकांक्षाओं को समझना और वांछित शिक्षा पथ (भारत में या विदेश में, सरकारी या निजी संस्थान) की पहचान करना महत्वपूर्ण है । इसके बाद, शिक्षा मुद्रास्फीति (जो सालाना 10-12% की दर से बढ़ रही है ) को ध्यान में रखते हुए भविष्य की शिक्षा लागतों का अनुमान लगाएं । इस अनुमान में केवल ट्यूशन फीस ही नहीं, बल्कि आवास, किताबें, परिवहन, कोचिंग और अन्य छिपी हुई लागतों सहित सभी संबंधित खर्चों पर विचार करना चाहिए । यह व्यापक दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगा कि आपके लक्ष्य यथार्थवादी और प्राप्त करने योग्य हों।
विविध पोर्टफोलियो बनाना: जोखिम और रिटर्न का संतुलन:
शिक्षा के लिए एक मजबूत कोष बनाने के लिए, एक विविध पोर्टफोलियो बनाना आवश्यक है जो जोखिम और रिटर्न को संतुलित करे। निवेशक की जोखिम सहनशीलता और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उपलब्ध समय-सीमा निवेश रणनीति को प्रभावित करती है।
- प्रारंभिक चरण (10-15+ वर्ष शेष): जब बच्चे की उच्च शिक्षा में अभी काफी समय बाकी हो, तो उच्च-विकास वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड (SIPs) पर ध्यान केंद्रित करें । इक्विटी में अधिक आवंटन (60% तक) मुद्रास्फीति को मात देने और पर्याप्त कोष बनाने के लिए आवश्यक है। इस अवधि में बाजार के उतार-चढ़ाव को सहन किया जा सकता है, क्योंकि निवेश को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय मिलता है।
- मध्यम चरण (5-10 वर्ष शेष): जैसे-जैसे लक्ष्य पास आता है, जोखिम को कम करने के लिए धीरे-धीरे इक्विटी एक्सपोजर कम करें। हाइब्रिड फंड या इक्विटी और ऋण का संतुलित मिश्रण इस चरण के लिए उपयुक्त हो सकता है ।
- अंतिम चरण (5 वर्ष से कम शेष): इस चरण में, पूंजी संरक्षण सर्वोपरि हो जाता है। इक्विटी से ऋण फंड, PPF/SSY जैसे कम जोखिम वाले साधनों पर स्विच करें । इस समय तक, अधिकांश कोष बन चुका होता है, और इसे बाजार के बड़े झटकों से बचाना महत्वपूर्ण है।
LIC अमृतबाल की भूमिका को इस विविध पोर्टफोलियो के एक हिस्से के रूप में देखा जा सकता है, खासकर उन माता-पिता के लिए जो पूंजी सुरक्षा और निश्चित रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं। यह एक सुरक्षित आधार प्रदान कर सकता है, लेकिन लंबी अवधि के विकास के लिए इक्विटी एक्सपोजर आवश्यक है ताकि शिक्षा मुद्रास्फीति को प्रभावी ढंग से मात दी जा सके।
नियमित समीक्षा और समायोजन:
वित्तीय योजना एक स्थिर प्रक्रिया नहीं है; इसे नियमित समीक्षा और समायोजन की आवश्यकता होती है। अपने निवेश पोर्टफोलियो के प्रदर्शन की नियमित रूप से निगरानी करें । अपनी वित्तीय स्थिति में बदलाव (जैसे आय में वृद्धि या कमी) या बच्चे की शिक्षा की आकांक्षाओं में बदलाव के लिए योजना को समायोजित करें । यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी योजना हमेशा आपके लक्ष्यों के साथ संरेखित रहे।
विशेषज्ञ की सलाह कब लें:
जटिल वित्तीय लक्ष्यों और निवेश रणनीतियों के लिए, एक योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना अत्यधिक फायदेमंद हो सकता है । एक सलाहकार आपकी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति, जोखिम सहनशीलता और लक्ष्यों के आधार पर एक व्यक्तिगत योजना बनाने में मदद कर सकता है।
IX. निष्कर्ष: एक उज्जवल भविष्य की ओर पहला कदम
LIC अमृतबाल योजना आपके बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए एक सुरक्षित और गारंटीड कोष बनाने में मदद करने वाली एक ठोस योजना है। यह पूंजी सुरक्षा और निश्चित रिटर्न प्रदान करती है, जो उन माता-पिता के लिए एक आकर्षक विशेषता है जो बाजार के उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं। इसके ‘गारंटीड एडिशन’ और ‘प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर’ (जिसे बच्चे के भविष्य की सुरक्षा के लिए अनिवार्य रूप से लेना चाहिए) इसे एक विश्वसनीय विकल्प बनाते हैं।
हालांकि, भारत में उच्च शिक्षा की बढ़ती लागत और शिक्षा मुद्रास्फीति की चुनौतियों को देखते हुए, केवल एक योजना पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं हो सकता है। LIC अमृतबाल की आंतरिक रिटर्न दर, जबकि गारंटीड, शिक्षा मुद्रास्फीति की दर से कम हो सकती है, जिसका अर्थ है कि यह अकेले भविष्य की शिक्षा लागतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है।
इसलिए, अपने बच्चे के उच्च शिक्षा के सपनों को साकार करने का सबसे प्रभावी तरीका एक विविध वित्तीय योजना अपनाना है। इस योजना में LIC अमृतबाल जैसे सुरक्षित विकल्प और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे विकास-उन्मुख निवेश दोनों शामिल होने चाहिए। यह दृष्टिकोण पूंजी सुरक्षा और मुद्रास्फीति-बीटिंग रिटर्न दोनों को संतुलित करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि आपके बच्चे के पास अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन हों।
आज ही अपने बच्चे के भविष्य के लिए योजना बनाना शुरू करें। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो उनके सपनों को साकार करने की दिशा में पहला कदम होगा। LIC अमृतबाल के बारे में अधिक जानने और इसे ऑनलाइन खरीदने के लिए lic future की आधिकारिक वेबसाइट (www.licindia.in) पर जाएं । इसके अतिरिक्त, अपनी विशिष्ट जरूरतों के अनुरूप एक व्यक्तिगत और व्यापक योजना बनाने के लिए एक योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लेने पर विचार करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: LIC अमृतबाल योजना क्या है?
उत्तर: LIC अमृतबाल एक गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी, व्यक्तिगत, बचत, जीवन बीमा योजना है जिसे विशेष रूप से आपके बच्चे की उच्च शिक्षा और भविष्य की अन्य वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक पर्याप्त कोष बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है । यह गारंटीड लाभ प्रदान करती है जो मृत्यु या पॉलिसी अवधि के अंत में देय होते हैं ।
प्रश्न 2: LIC अमृतबाल योजना की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर: इस योजना की मुख्य विशेषताएं हैं:
- गारंटीड एडिशन: पॉलिसी अवधि के दौरान प्रति हजार मूल बीमा राशि पर ₹80 का गारंटीड एडिशन वार्षिक रूप से मिलता है ।
- प्रीमियम विकल्प: आप एकल प्रीमियम भुगतान या सीमित प्रीमियम भुगतान (5, 6, या 7 वर्ष) के बीच चयन कर सकते हैं ।
- परिपक्वता आयु: बच्चे की परिपक्वता आयु 18 से 25 वर्ष के बीच चुनी जा सकती है ।
- ऋण सुविधा: पॉलिसी तरलता की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण सुविधा प्रदान करती है ।
- उच्च बीमा राशि पर छूट: उच्च बीमा राशि चुनने पर आकर्षक छूट का लाभ उठाया जा सकता है ।
- प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर: अतिरिक्त प्रीमियम पर उपलब्ध है, जो प्रस्तावक की मृत्यु की स्थिति में पॉलिसी की निरंतरता सुनिश्चित करता है ।
प्रश्न 3: LIC अमृतबाल योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर:
- बच्चे की प्रवेश आयु: न्यूनतम 0 वर्ष (30 दिन पूरे) और अधिकतम 13 वर्ष (अंतिम जन्मदिन) ।
- बच्चे की परिपक्वता आयु: न्यूनतम 18 वर्ष (अंतिम जन्मदिन) और अधिकतम 25 वर्ष (अंतिम जन्मदिन) ।
- पॉलिसी अवधि: सीमित प्रीमियम भुगतान के लिए न्यूनतम 10 वर्ष और एकल प्रीमियम भुगतान के लिए न्यूनतम 5 वर्ष। दोनों के लिए अधिकतम 25 वर्ष है । POSP-LI/CPSC-SPV के माध्यम से प्राप्त पॉलिसियों के लिए अधिकतम अवधि 20 वर्ष है ।
- न्यूनतम बीमा राशि: ₹2,00,000/- । अधिकतम राशि पर कोई सीमा नहीं है (कुछ निर्णयों के अधीन) ।
प्रश्न 4: क्या मैं LIC अमृतबाल पॉलिसी के खिलाफ ऋण ले सकता हूँ?
उत्तर: हाँ, LIC अमृतबाल योजना में ऋण सुविधा शामिल है, जिससे आप तरलता की जरूरतों को पूरा करने के लिए पॉलिसी के खिलाफ ऋण ले सकते हैं । इन-फोर्स पॉलिसियों के लिए समर्पण मूल्य का 90% तक और पेड-अप पॉलिसियों के लिए 80% तक ऋण उपलब्ध है.
प्रश्न 5: क्या LIC अमृतबाल योजना में कोई अतिरिक्त लाभ हैं?
उत्तर: हाँ, इस योजना में प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर जैसे वैकल्पिक लाभ शामिल हैं, जो प्रस्तावक की मृत्यु की स्थिति में भविष्य के प्रीमियम को माफ कर देते हैं । इसके अतिरिक्त, मृत्यु लाभ या परिपक्वता लाभ को एकमुश्त राशि के बजाय 5, 10, या 15 वर्षों की किस्तों में प्राप्त करने का विकल्प भी है ।
प्रश्न 6: मैं LIC अमृतबाल योजना के लिए कैसे आवेदन कर सकता हूँ?
उत्तर: आप LIC अमृतबाल योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं । आप LIC की वेबसाइट (www.licindia.in) पर जा सकते हैं या आवेदन शुरू करने के लिए LIC एजेंट से संपर्क कर सकते हैं । ऑनलाइन खरीद पर प्रीमियम में छूट भी मिलती है ।
प्रश्न 7: क्या LIC अमृतबाल योजना कर लाभ प्रदान करती है?
उत्तर: हाँ, इस योजना में निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए योग्य है, और परिपक्वता/मृत्यु लाभ धारा 10(10D) के तहत कर-मुक्त होते हैं, बशर्ते कुछ शर्तें पूरी हों ।
प्रश्न 8: यदि पॉलिसीधारक आत्महत्या कर लेता है तो क्या होता है?
उत्तर: यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी शुरू होने या पुनरुद्धार के 12 महीनों के भीतर आत्महत्या कर लेता है, तो नामांकित व्यक्ति भुगतान किए गए प्रीमियम का 80% (करों और अतिरिक्त प्रीमियम को छोड़कर) प्राप्त करने का हकदार होता है, बशर्ते पॉलिसी सक्रिय हो । यह खंड लागू नहीं होता है यदि जीवन बीमाधारक की प्रवेश या पुनरुद्धार के समय आयु 8 वर्ष से कम हो ।
प्रश्न 9: क्या LIC अमृतबाल योजना में आंशिक निकासी की अनुमति है?
उत्तर: LIC अमृतबाल एक पारंपरिक योजना है और इसमें ULIPs जैसी आंशिक निकासी की सुविधा नहीं होती है। हालांकि, ULIP-आधारित चाइल्ड प्लान आमतौर पर पॉलिसी के पांचवें वर्ष पूरा होने के बाद संचित फंड मूल्य के 20% तक की आंशिक निकासी की अनुमति देते हैं ।
प्रश्न 10: LIC अमृतबाल योजना में ‘गारंटीड एडिशन’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: ‘गारंटीड एडिशन’ का अर्थ है कि पॉलिसी अवधि के दौरान प्रति हजार मूल बीमा राशि पर ₹80 का एक निश्चित राशि वार्षिक रूप से पॉलिसी में जोड़ी जाती है, बशर्ते पॉलिसी सक्रिय हो । यह रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता है ।
प्रश्न 11: क्या LIC अमृतबाल योजना शिक्षा मुद्रास्फीति को मात दे सकती है?
उत्तर: जबकि LIC अमृतबाल योजना गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है, इसकी आंतरिक रिटर्न दर (IRR) लगभग 5.40% से 5.98% प्रति वर्ष हो सकती है । भारत में उच्च शिक्षा की मुद्रास्फीति दर 10-12% प्रति वर्ष है । इसका मतलब है कि योजना के रिटर्न शिक्षा लागतों को मात देने में अपर्याप्त हो सकते हैं, जिससे भविष्य में बच्चे की शिक्षा के लिए आवश्यक क्रय शक्ति कम हो सकती है ।
प्रश्न 12: क्या बच्चे को पॉलिसीधारक माना जाता है?
उत्तर: नहीं, जब आप चाइल्ड प्लान खरीदते हैं, तो माता-पिता बीमा पॉलिसीधारक बनते हैं, जबकि बच्चा पॉलिसी लाभार्थी की भूमिका निभाता है । जीवन बीमा बच्चे के जीवन पर होता है, न कि माता-पिता के जीवन पर ।
प्रश्न 13: प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर (PWBR) अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान पर उपलब्ध एक महत्वपूर्ण लाभ है । यह प्रस्तावक (आमतौर पर माता-पिता) की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में पॉलिसी की निरंतरता सुनिश्चित करता है। यदि प्रस्तावक का निधन हो जाता है, तो इस राइडर के तहत भविष्य के सभी प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं, और पॉलिसी बच्चे के लिए अपने मूल वित्तीय लक्ष्य की ओर बढ़ती रहती है । यह राइडर इस योजना के लिए लगभग अनिवार्य है ।